किसी धातु में इलेक्ट्रॉन की गति के लिए लॉरेन्ट्ज - ड्रयुड सिद्धांत की परिकल्पना लिखिए । सिद्धांत का निगमन कीजिए ।
मुक्त इलेक्ट्रॉन क्या है? धातु में इलेक्ट्रॉन संघट्ट से आप क्या समझते हैं? इस संदर्भ में औसत मुक्तिपथ व शांति काल की व्याख्या कीजिए ।
प्रिय विद्यार्थियों आज की इस पोस्ट में हम देखने वाले हैं लॉरेन्ट्ज - ड्रयुड सिद्धांत क्या है, मुक्त इलेक्ट्रॉन क्या है ?, धातु में इलेक्ट्रॉन संघट्ट से आप क्या समझते हैं ? इन सभी प्रश्नों के उत्तर आपको इस पोस्ट में मिल जाएंगे इसलिए पोस्ट को पूरा लास्ट तक जरूर पढ़ें । क्योंकि इस पोस्ट में आपको किसी धातु में इलेक्ट्रॉन की गति के लिए लॉरेन्ट्ज - ड्रयुड सिद्धांत की परिकल्पना को आसान भाषा में समझाया गया है । अगर आप पोस्ट को पूरा पढ़ेंगे तो आप आप आसानी से समझ जाएंगे कि मुक्त इलेक्ट्रॉन क्या होते हैं ? औसत मुक्त पथ वा शांति काल क्या है ? और यदि आपको एक पोस्ट पसंद आती है तो इसे आगे भी शेयर जरूर करें ।
धातु में इलेक्ट्रॉनों की गति ; लॉरेन्ट्ज - ड्रयुड सिद्धांत -
किसी धातु में इलेक्ट्रॉनों की गति समझाने के लिए वैज्ञानिक लॉरेन्ट्ज तथा ड्रयुड (Lorentz and Drude) ने निम्नलिखित अभिकल्पनाए की -
अभिकल्पनाएं(Postulates)—
1)मुक्त इलेक्ट्रॉन— धातु के अवयवी परमाणुओं की बाहरी कक्षा के इलेक्ट्रॉन (अर्थात संयोजी इलेक्ट्रॉन ) परमाणुओं के साथ अत्यंत क्षीणता से आबद्ध (most weakly bound) होते हैं, अतः ये इलेक्ट्रॉन परमाणु से अलग होकर संपूर्ण पदार्थ में स्वतंत्रतापूर्वक घूमते रहते हैं । यह इलेक्ट्रॉन मुक्त (free) इलेक्ट्रॉन कहलाते हैं ।
2)चालन इलेक्ट्रॉन— धातुओं में मुक्त इलेक्ट्रॉन इतनी अधिक संख्या में होते हैं कि ये बर्तन में बंद गैस के अणुओं की भांति व्यवहार करते हैं, आता धातु में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों के समूह को मुक्त इलेक्ट्रॉन गैस (free electron gas) कहते हैं । किसी धातु की ऊष्मा चालकता तथा विद्युत चालकता, उस धातु में उपस्थित मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या पर निर्भर करती है । ये मुक्त इलेक्ट्रॉन ही धातु में ऊष्मा चालन तथा विद्युत चालन के लिए उत्तरदाई होते हैं, इसलिए इन्हें चालन (conduction electron) इलेक्ट्रॉन भी कहते हैं ।
3)सांख्यिकी — ऊष्मीय संतुलन में धातु के अंदर मुक्त इलेक्ट्रॉन मैक्सवेल बोल्ट्जमैन - सांख्यिकी का पालन करते हैं । प्रत्येक इलेक्ट्रॉन की स्थानांतरीय गति की स्वातन्त्र्य कोटि 3 होती है ।
4)प्रति इलेक्ट्रॉन माध्य उर्जा — मैक्सवेल बोल्ट्जमैन सांख्यिकी के अनुसार परम ताप T पर प्रति स्वातन्त्र्य कोटि माध्य उर्जा 1kT/2 होती है, आत: एक मुक्त इलेक्ट्रॉन की माध्य ऊर्जा 3kT/ 2 होती है, जहां k बोल्ट्जमैन नियतांक है ।
5)अनियमित वेग — धातु में मुक्त इलेक्ट्रॉन निरंतर अत्यंत तीव्र चाल से अनियमित गति करते रहते हैं इनकी चाल, धातु के ताप पर निर्भर करती है। गति करते समय ये इलेक्ट्रॉन जब धातु के धन आयनों से (अर्थात उन परमाणुओं से जिनसे ये इलेक्ट्रॉन विलग हुए हैं ) टकराते हैं तो इनकी चाल तथा गति की दिशा इस प्रकार बदलती है कि धातु के किसी काल्पनिक पृष्ठ से होकर किसी क्षण एक दिशा में जाने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या तथा पृष्ठ से उस क्षण विपरीत दिशा में जाने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या ठीक बराबर होती है, फलतः किसी निश्चित दिशा में इलेक्ट्रॉन प्रवाह की दर शून्य होती है । परम ताप T इलेक्ट्रॉनों की अनियमित चाल चाल सूत्र द्वारा दी जाती है ,जहां k बोल्ट्जमैन नियतांक है ।
6)इलेक्ट्रॉन संघट्ट,अनुगमन वेग तथा माध्य मुक्तपथ —
धातु को बाहर विद्युत क्षेत्र में रखने पर मुक्त इलेक्ट्रॉन बाह्म विद्युत क्षेत्र की विपरीत दिशा में त्वरित होते हैं, लेकिन धातु के धनायनों से बार-बार टकराने के फल स्वरुप इनके वेग में वृद्धि नहीं होती है, बल्कि यह माना जा सकता है कि मे बाह्य क्षेत्र की विपरीत दिशा में एक नियत माध्य वेग से गति करने लगते हैं, इस माध्य बैग को अनुगमन (drift velocity) कहते हैं । यह भी एक लगभग 10^-4 मीटर प्रति सेकंड की कोटी का होता है जो इलेक्ट्रॉनों की अनियमित वेग की तुलना में अल्प है । इलेक्ट्रॉन के दो क्रमिक संघट्टो के बीच लगे माध्य समय को शांति काल (relaxation time) कहते हैं तथा इलेक्ट्रॉन द्वारा दो क्रमिक संघट्टो के बीच तय की गई दूरी माध्य दूरी को माध्य मुक्तपथ (mean free path) कहते हैं ।
आज की इस महत्वपूर्ण पोस्ट में हमने जाना किसी धातु में इलेक्ट्रॉन की गति के लिए लॉरेन्ट्ज - ड्रयुड सिद्धांत की परिकल्पना लिखिए । सिद्धांत का निगमन कीजिए ।
मुक्त इलेक्ट्रॉन क्या है? धातु में इलेक्ट्रॉन संघट्ट से आप क्या समझते हैं? इस संदर्भ में औसत मुक्तिपथ व शांति काल की व्याख्या कीजिए ।
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