क्यूरी नियम और क्यूरी वाइस नियम क्या है ? क्यूरी नियम तथा क्यूरी वाइस के नियम में अंतर समझाइए ? क्यूरी ताप क्या ?
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प्रिय छात्रों आज की पोस्ट में हम जानेंगे क्यूरी नियम तथा क्यूरी वाइस के नियम के बारे में । क्यूरी नियम क्या है ? यह क्यूरी वाइस के नियम से किस प्रकार भिन्न है ? क्यूरी नियम तथा क्यूरी वाइस के नियम में क्या अंतर है तथा यह नियम किन किन पदार्थों पर लागू होता है यह सभी जानकारी आपको इस पोस्ट में देखने को मिलेगी इसलिए इस पोस्ट को पूरा लास्ट तक पढ़े । और यदि यह पोस्ट आपको पसंद आती है तो आप अपनी सभी दोस्तों के साथ इस पोस्ट को शेयर भी जरूर करें ।
क्यूरी नियम क्या है ?
क्यूरी नियम के अनुसार अंतिम वाक्य पदार्थ की चुंबकीय प्रवृत्ति ( X ) ,परम ताप ( T ) के व्युत्क्रमानुपाती होती है
समानुपाती का चिन्ह हटाने पर
X=C/T
क्यूरी वाइस का नियम क्या है ?
अनुचुंबकीय पदार्थ के लैन्जेविन के सिद्धांत को लोह चुंबकीय पदार्थों पर लागू करने के लिए " वाइस " ने यह कल्पना की कि लोह चुंबकीय पदार्थों में चुंबक अन केवल बाह्म क्षेत्र B के कारण ही नहीं होता, बल्कि एक आंतरिक क्षेत्र के कारण भी होता है जो अणुओ की अन्योन्य क्रिया के कारण उत्पन्न होता है । वाइस ने यह माना कि यह आंतरिक क्षेत्र B चुंबकीय तीव्रता M के समानुपाती होता है ।
क्यूरी नियम तथा क्यूरी वाइज नियम में अंतर
क्यूरी नियम तथा क्यूरी वाइस नियम के बारे में हम जान चुके हैं अब हम देखेंगे कि क्यूरी नियम तथा क्यूरी वाइस नियम में प्रमुख कौन-कौन से अंतर होते हैं । अगर आपको यह पोस्ट पसंद आ रही है तो इस पोस्ट को शेयर जरूर कर दें ।
क्यूरी नियम और क्यूरी वॉइस नियम में अंतर
क्यूरी नियम के अनुसार अनु चुंबकीय पदार्थ की चुंबकीय प्रवृत्ति X=C/T जहां C क्यूरी नियतांक है, जबकि क्यूरी वाइज नियम के अनुसार X=C/T-Q जहां Q पदार्थ का क्यूरी ताप है ।
क्यूरी का नियम के बनानी चुंबकीय गैसों के लिए ही सत्य पाया जाता है जिसमें परमाणु अथवा अणुओं के बीच की दूरी, ठोसो व द्रवो की अपेक्षा अधिक होती है तथा परमाण्वीय चुंबकीय द्विध्रुवो के बीच अन्योन क्रियाओं को 0 माना जा सकता है ।
इसके विपरीत क्यूरी वाइज का नियम अनुचुंबकीय ठोसों वा द्रवों के लिए भी सत्य है क्योंकि इनमें परमाण्विक चुंबकीय द्विध्रवो के बीच अन्योन्य क्रिया के फलस्वरुप एक आंतरिक आणविक चुंबकन क्षेत्र उत्पन्न हो जाएगा । जो पदार्थ की चुंबकन तीवता अनुक्रमानुपाती होगा । आत: परिणामी चुंबकन क्षेत्र , बाह्म चुम्बकन क्षेत्र व आंतरिक चुंबकन क्षेत्र के योग के बराबर होगा ।यह नियम लोह चुंबकीय पदार्थों में भी लागू होता है ।
क्यूरी ताप क्या है ?
लोहा चुंबकीय पदार्थों का ताप बढ़ाने पर लोहे चुंबकत्व का गुण घटता जाता है तथा अन्ततः एक ऐसा ताप प्राप्त होता है जिस पर पदार्थ का लोहा चुंबकत्व का गुण समाप्त हो जाता है और पदार्थ अनु चुंबकीय हो जाता है । इस निश्चित ताप को पदार्थ का क्यूरी ताप कहते हैं ।