हीरा और ग्रेफाइट में अंतर || Hira aur graphite mein antar
नमस्कार दोस्तों, आज की इस पोस्ट में हम आपको हीरा और ग्रेफाइट के बीच अंतर बताएंगे। इस पोस्ट में हम जानेंगे हीरा किसे कहते हैं ? ग्रेफाइट किसे कहते हैं ? हीरा और ग्रेफाइट में क्या अंतर होता है ? बिल्कुल आसान भाषा में आपको हीरा और ग्रेफाइट में अंतर बताया जाएगा । इसलिए पोस्ट को पूरा लास्ट तक जरूर पढ़ें और यदि आपको यह पोस्ट पसंद आती है तो अपने सभी दोस्तों के साथ इस पोस्ट को शेयर भी करें । हीरा और ग्रेफाइट में चार अंतर लिखिए यह प्रश्न बोर्ड परीक्षा में कई बार पूछा जा चुका है । इसलिए इस प्रश्न को बहुत ही अच्छी तरीके से याद कर लीजिए । नीचे आपको हीरा और ग्रेफाइट में अंतर बताया गया है ।
हीरा क्या होता है?
हीरा एक रत्न है जो पूरी तरह पारदर्शी होता है इसे रसायन विज्ञान के अनुसार सबसे शुद्ध कार्बन माना गया है। हीरे के सभी कार्बन परमाणु एक दूसरे से चार अलग कार्बन परमाणु द्वारा बंधे होते हैं। कार्बन परमाणु के बाहरी कक्ष में उपस्थित सभी चारों इलेक्ट्रॉन सह संयोजी बंध में अपनी भागीदारी प्रस्तुत करते हैं और इसमें एक भी इलेक्ट्रॉन स्वतंत्र नहीं हो सकता है। इसलिए हीरे को ऊष्मा तथा विद्युत का कुचालक भी कहा जाता है। इसे सभी प्राकृतिक पदार्थों में सबसे कठोर पदार्थ माना गया है। इसका उपयोग आभूषण बनाने में भी किया जाता है। हीरा केवल पारदर्शी हो यह जरूरी नहीं कभी-कभी कुछ अशुद्धियों के कारण इनका रंग नीला, लाल, हरा आदि भी होता है जिसमें हरे रंग का हीरा मिलना काफी कठिन होता है।
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ग्रेफाइट क्या होता है?
ग्रेफाइट भी कार्बन का ही एक रूप है जो दिखने में काले, भूरे रंग की अधातु के रूप में पाया जाता है। यह ज्यादातर साइबेरिया, अमेरिका के कैलिफोर्निया, कोरिया न्यूजीलैंड तथा इटली जैसे देशों में पाया जाता है। ये ऊष्मा और विद्युत का सुचालक होता है और इसमें अलग ही तरह की चमक दिखाई देती है। यदि इसके आपेक्षिक घनत्व की बात की जाए तो वो 2.25 है और 7000 डिग्री सेल्सियस पर जलता है उसके बाद ये कार्बन डाइऑक्साइड में बदल जाता है।
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