सीखने के प्रमुख नियम कौन-कौन से हैं? समझाइये || Mention the important laws of learning
प्रिय विद्यार्थियों आज की इस महत्वपूर्ण पोस्ट में हम सीखने के प्रमुख नियमों के बारे में जानेंगे । यदि आप भी गूगल पर सर्च कर रहे हैं सीखने के चार प्रमुख नियम लिखिए तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं क्योंकि आपको इस पोस्ट में सीखने सम्बन्धी अभ्यास, प्रभाव और तत्परता के नियमों को उदाहरण सहित समझाया जाएगा इसलिए पोस्ट को लास्ट है जरूर पढ़ें ।
सीखने के महत्वपूर्ण नियमों का उल्लेख कीजिये ।अथवा
सीखने सम्बन्धी अभ्यास, प्रभाव और तत्परता के नियमों को उदाहरण सहित समझाइये।
अथवा
सीखने के चार प्रमुख नियम लिखिये ।
अथवा
सीखने के प्रमुख नियम कौन-कौन से हैं? समझाइये।
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उत्तर-
1. तत्परता का नियम- यदि हम किसी कार्य को करने के लिये तैयार और तत्पर होते हैं तो उसे सीख लेते हैं। तत्परता के साथ कार्य करने की इच्छा भी होती है।
2. अभ्यास का नियम- अभ्यास करते रहने पर हम किसी बात को सरलता, कुशलता और सफलता पूर्वक करना सीख लेते हैं। यह नियम अभ्यास के औचित्य को सिद्ध करता है।
3. प्रभाव या परिणाम का नियम- जिसका परिणाम हितकर होता है या जिससे हमें सुख और संतोष मिलता है, उस कार्य को हम सीख लेते हैं।
4. मनोवृत्ति का नियम- इस नियम के अनुसार सीखना मनोवृत्ति पर निर्भर है। जैसी हमारी मनोवृत्ति होती है, उसी अनुपात में हम सीखते हैं।
5. उद्देश्य का नियम- जब कोई कार्य हमारे उद्देश्य की पूर्ति करता है, तो हम उसे शीघ्र से शीघ्र कर लेते हैं। यही कारण है कि व्यक्ति का किसी कार्य को करने का उद्देश्य जितना अधिक प्रबल होता है उतना ही अधिक वह उस कार्य को तत्परता से करता है।
6. परिपक्वता का नियम- इस नियम का सार यह है कि हम किसी बात को तभी सीख सकते हैं, जब हममें उसे सीखने की शारीरिक और मानसिक परिपक्वता होती है। कम आयु के बच्चे को कठिन अमूर्त बातें सिखाना व्यर्थ रहता है।
7. निकटता का नियम- जो कार्य जितने निकट समय या कम समय पूर्व सीखा गया होता है, वह उतनी ही अधिक सरलता से पुनः किया जा सकता है।
8. अभ्यास - वितरण का नियम- यह नियम हमें यह अवगत कराता है कि किसी कार्य को निरन्तर सीखने के बजाय कुछ-कुछ समय के बाद थोड़ी-थोड़ी देर सीखना अधिक अच्छा है।
9. बहु-अधिगम का नियम- इस नियम का अर्थ है कि हम एक समय में एक बात कभी नहीं सीखते हैं। सीखने की प्रक्रिया में एक साथ कई बातों को सीखते हैं।